वैज्ञानिक सोच - ज्ञान और बुद्धिमान



मैं व्याख्या करने के लिए लिखता हूँ की वैज्ञानिक विचार क्या है ( और उसके नियम )
सद्विवेक क्या है और कौन बुद्धिमान है

कोई धर्मान्दाता नहीं है ( सबसे महत्वपूर्ण नियम )
किसी विश्वास और व्यक्ति के बारे में कोई धर्मान्दाता नहीं है
आपको व्याख्यान सुनना चाहिए ना की चेहेरे देखना
व्याख्यान महत्वपूर्ण है नाकि वक्ता

सचाई की खोज में आपको जानना चाहिए की सत्य और तथ्य अलग-अलग हैं
आपको सत्य मिलता है तो उसे स्वीकार करो
उदहारण के लिए
सत्य है की झूठ मत बोलो
लेकिन सच्चाई यह है की लोग झूठ बोलते हैं
इसलिए आप इसे सत्य की तरह स्वीकार ना करें ( क्यूँकी सत्य कभी कभी गलत हो जाते हैं )

हरेक विश्वास के लिए आपके पास कारण होना चाहिए
स्वीकार करने और ख़ारिज करने के लिए कारण
यदि आपके पास खारिज करने के लिए कोई कारण नहीं है
तो उत्कर्ष विचार को स्वीकार करिए

आपको समस्या हल करनी चाहिए
समस्या हल करने के लिए आपको सोचना चाहिए
समस्या हल करने के लिए झगडा नहीं
यदि किसीको शंका है तो जवाब देना चाहिए
नाकि पलायन करना चाहिए
(
आपको शंका के मूल को खोजने के बारे में सोचना चाहिए
और इसको सावधानीपूर्वक सुलझाना चाहिए )

अपने ज्ञान को हमेशा सुधारते रहना चाहिए और बढ़ाते रहना चाहिए
इकिस्वीं सदी में रहनेवालों की तरह नहीं बल्कि अरिस्तोत्ल , रुस्सेल, न्यूटन, डार्विन, देस्कार्तेस कान्त आदि की तरह सोचो
सुचना शताब्धी में जियो, शास्त्रीय भौतिकी में सोचो

आपको हरेक दावे के लिए दस्तावेज़ रखने होंगे
और उन व्याख्यानों को स्वीकारना होगा जिनके दस्तावेज़ और वैज्ञानिक कारण हैं
......
मैं और लिखने जा रहा हूँ


यह कुछ नियम हैं और वैज्ञानिक विचार की व्याख्या करते हैं
वैज्ञानिक विचार के लिए कौन अपने आप को बदल सकता है
बुद्धिमान बनीए

ज्ञान को जानता है |
Translated by; Ashok Dharampal